- Mahakal Temple: अवैध वसूली के मामले में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, एक आरोपी निकला HIV पीड़ित; सालों से मंदिर में कर रहा था काम ...
- महाकाल मंदिर में बड़ा बदलाव! भस्म आरती में शामिल होना अब हुआ आसान, एक दिन पहले मिलेगा भस्म आरती का फॉर्म ...
- भस्म आरती: मंदिर के पट खोलते ही गूंज उठी 'जय श्री महाकाल' की गूंज, बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार कर भस्म अर्पित की गई!
- भस्म आरती: मकर संक्रांति पर बाबा महाकाल का किया गया दिव्य श्रृंगार, तिल्ली के लड्डू से सजा महाकाल का भोग !
- मुख्यमंत्री मोहन यादव का उज्जैन दौरा,कपिला गौ-शाला में गौ-माता मंदिर सेवा स्थल का किया भूमि-पूजन; केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल भी थे मौजूद
प्रयागराज महाकुंभ के लिए न्योता देने महाकाल नगरी पहुंचे नेपाली बाबा, मायापति हनुमान मंदिर में विश्राम कर भक्तों से की चर्चा
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
गुरुवार 9 जनवरी को उज्जैन में 1008 आत्मानंद महाराज नेपाली बाबा का आगमन हुआ। उज्जैन में उनके आगमन की सूचना मिलते ही, भक्तों का हुजूम उनके दर्शन करने और आशीर्वाद लेने के लिए उमड़ पड़ा। इस दौरान आगर रोड के सामाजिक न्याय परिसर में स्थित श्री मायापति हनुमान मंदिर में नेपाली बाबा ने कुछ समय विश्राम किया और अपने भक्तों से बातचीत की।
बता दें, नेपाली बाबा का प्रयागराज महाकुंभ में एक कैंप लगाया गया है। वहीं, 31 जनवरी से प्रयागराज में नेपाली बाबा के कैंप में रामनाम यज्ञ का बड़ा आयोजन होने जा रहा है। ऐसे में वे अपने भक्तों को कैम्प में शामिल होने के लिए आमंत्रण देने आए हैं। नेपाली बाबा ने इस अवसर पर अपने भक्तों से कहा, “कुंभ में आने से न केवल धार्मिक लाभ मिलता है, बल्कि यह मोक्ष प्राप्ति का एक खास अवसर है। ये महाकुंभ वर्षों बाद आता है और इस भूमि पर पहुंचकर भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।” उन्होंने आगे कहा कि यह सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। इसी लिए अपने भक्तों को आमंत्रण देने यहां आया हूं।
नेपाली बाबा के उज्जैन आगमन के दौरान, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन सिंहस्थ में भी नेपाली बाबा का करीब 50 बीघा क्षेत्र में विशाल कैंप लगता है, जिसमें यज्ञ और हवन का आयोजन होता है। उन्होंने आगे कहा कि 31 जनवरी से प्रयागराज कुंभ में रामनाम का एक बड़ा महायज्ञ होने वाला है। इसी सिलसिले में महाराज श्री भक्तों से चर्चा करने आए थे। थोड़ी देर मायापति हनुमान मंदिर में आराम करने के बाद बाबा आगे के लिए निकल गए।